कुछ दिनों की छुट्टी ली जाए छुट्टी ली जाए
इस दुनियादारी से
कुछ दिनों तक
खुलकर साँस ली जाए
इस बार दुनिया के बोझ को
न ढ़ोया जाए
बेख़ौफ,बेवक्त,बेफिक्र
गलियों में घुमा जाए
हर रोज़ की दिनचर्या को
थोड़ा मोड़ा जाए
इस बार
अपनी मन की करी जाए
चिंताओ के बाज़ार को
न सज़ाया जाए
ज़िन्दगी को इस बार
खुलकर जिया जाए
ज़िन्दा होने का सबूत
दिया जाए
- विनीता
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