ज़िन्दगी का फ़ल्सफ़ा , हर किसी का अलग सा ....

  




ज़िन्दगी का फ़ल्सफ़ा
हर किसी का अलग सा

कोई धूप से भी तंग है
कोई इसमें भी चमक उठा

कोई बूँद में भी ड़र गया
कोई उसमें भी उछल पड़ा

कोई खुद से ही हार गया
कोई दुनिया से भी लड़ पड़ा

कोई कल में ही मग्न है
कोई आज में ही नाच उठा

कोई दूसरे से जल रहा
कोई खुदपे ही हँस पड़ा

ये ज़िन्दगी का फ़ल्सफ़ा
हर किसी का अलग सा

          - विनीता

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